देहरादून। शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में आयोजित पासिंग आउट परेड (पीओपी) के साथ भारतीय सेना को 491 युवा सैन्य अधिकारी मिले। पीपिंग और ओथ सेरेमनी के बाद कुल 525 ऑफिसर कैडेट सेना में शामिल हुए। इनमें से 491 अधिकारी भारतीय थल सेना का हिस्सा बने, जबकि 34 ऑफिसर कैडेट 14 मित्र देशों की सेनाओं में अपनी सेवाएं देंगे।
पासिंग आउट परेड के समीक्षा अधिकारी भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी रहे। उन्होंने बतौर रिव्यूइंग अफसर परेड का निरीक्षण किया और पास आउट हो रहे ऑफिसर कैडेट्स की सलामी ली। इस अवसर पर ऑफिसर कैडेट निष्कल द्विवेदी को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
इसके अलावा टेक्निकल क्रेडिट कोर्स के ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत को रजत पदक प्रदान किया गया। वहीं बांग्लादेश के जूनियर अंडर ऑफिसर मोहम्मद शफीक अशरफ को भी जनरल उपेंद्र द्विवेदी द्वारा सम्मानित किया गया।
परेड के बाद कैडेट्स को संबोधित करते हुए थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पीवीएसएम, एवीएसएम ने कहा कि सैन्य सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि ऐसा दायित्व है जो सर्वोच्च त्याग की मांग करता है। उन्होंने कहा कि अकादमी से निकलने के बाद भले ही हर कदम पर कोई मार्गदर्शक साथ न हो, लेकिन तब अधिकारियों के कंधों पर कहीं बड़ी जिम्मेदारी होगी।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि एक सैन्य अधिकारी के आचरण, अनुशासन और निर्णय लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं। देश और समाज एक अधिकारी को रोल मॉडल के रूप में देखता है, ऐसे में प्रत्येक कार्य में मूल्य, कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति निष्ठा झलकनी चाहिए। उन्होंने कैडेट्स से सेवा, समर्पण और नेतृत्व के मूल्यों को जीवन भर अपनाए रखने का आह्वान किया।
