छात्रों के लिए बड़ी राहत…2026-27 से 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी

खबर शेयर करें

नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार आयोजित करने की घोषणा की है। यह व्यवस्था 2026-27 के शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। इस कदम का उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का तनाव कम करना और उन्हें बेहतर तैयारी के लिए अधिक समय देना है।

क्या है नया बदलाव?

  • साल में दो परीक्षाएं: बोर्ड परीक्षाएं फरवरी और अप्रैल में आयोजित की जाएंगी।
  • दोनों परीक्षाओं में विकल्प: छात्र चाहें तो दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
  • अंतिम स्कोर का चयन: बेहतर प्रदर्शन वाली परीक्षा का स्कोर अंतिम माना जाएगा।
  • सेमेस्टर सिस्टम की संभावना: नई व्यवस्था के तहत 10वीं और 12वीं में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: पंचायतों में प्रशासकों की पुनर्नियुक्ति पर संकट, राजभवन ने अध्यादेश लौटाया

कैसे होगा फायदा?

शिक्षा मंत्री ने कहा, “इस बदलाव से छात्रों पर पढ़ाई का दबाव कम होगा। वे बेहतर तरीके से अपनी तैयारी कर सकेंगे। यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में असफल हो जाता है, तो वह दूसरी परीक्षा में बैठकर अपनी किस्मत आजमा सकता है।”

यह भी पढ़ें 👉  धराली आपदा: राहत-बचाव कार्यों में आई तेजी, अब तक 657 लोगों को किया गया रेस्क्यू

सीबीएसई से होगी शुरुआत

इस नई प्रणाली की शुरुआत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से होगी। इसके बाद अन्य राज्य बोर्ड भी इसे अपनाएंगे। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को अधिक छात्र-केंद्रित बनाना है।

परीक्षा पैटर्न पर बदलाव

नई प्रणाली का प्रारूप जेईई मेन परीक्षा के तर्ज पर तैयार किया गया है। छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए दो मौके मिलेंगे। इससे पढ़ाई का दबाव कम होगा और वे अपनी कमजोरियों को सुधारने का अवसर पा सकेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू, प्रयाग पोर्टल एक सप्ताह के लिए फिर से खुला

छात्रों के लिए बड़ा कदम

इस बदलाव से छात्रों को न केवल परीक्षा का तनाव कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि उनकी तैयारी का स्तर भी बेहतर होगा। अब हर छात्र अपनी सुविधा और तैयारी के अनुसार परीक्षा में शामिल हो सकेगा।

शिक्षा में सुधार की दिशा में कदम

यह निर्णय भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को अधिक अवसर और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सकेगा।

You cannot copy content of this page