जम्मू: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशौती गांव में 14 अगस्त को बादल फटने से मचा हाहाकार थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को तीसरे दिन भी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और स्थानीय लोगों की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी रहीं। अब तक 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से ज्यादा घायल हैं और करीब 75 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार देर रात डीजीपी नलिन प्रभात के साथ घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। अधिकारियों के अनुसार, अब तक 46 शवों की पहचान कर परिजनों को सौंपा जा चुका है। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बाढ़ और मलबे में सैकड़ों लोग बह गए होंगे और कई मलबे में दबे भी हो सकते हैं।
इस आपदा में आम नागरिकों के साथ-साथ सीआईएसएफ के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक एसपीओ भी अपनी जान गंवा बैठे। आपदा ने चिशौती गांव और आसपास की बस्तियों को तहस-नहस कर दिया। बाढ़ और मलबे की चपेट में एक अस्थायी बाजार, सामुदायिक लंगर, सुरक्षा चौकी और घर-बार बह गए। प्रशासन के मुताबिक, कम से कम 16 मकान, कई सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, 30 मीटर लंबा पुल और दर्जनभर वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।