शिमला : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने फिर कहर बरपाया है। बीती रात कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और शिमला समेत पांच इलाकों में बादल फटने से भारी तबाही मची। कई पुल, मकान, दुकानें और वाहन बह गए। 325 सड़कें, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, बंद कर दी गई हैं। हालांकि, जान-माल के बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
कुल्लू के बंजार और शिमला के रामपुर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। बंजार घाटी में कई घर क्षतिग्रस्त, पांच गाड़ियां बह गईं और दो पुलिया टूटीं। रामपुर में नंटी खड्ड में आई बाढ़ से चार पुल, दो मकान, पांच दुकानें और सेब के बगीचे बह गए। यहां एंबुलेंस और एचआरटीसी बस भी पानी में फंस गई, जबकि तीन पंचायतें संपर्क से कट गईं।
किन्नौर की ऋषि डोगरी घाटी में बाढ़ ने सतलुज पर बना एक अहम पुल बहा दिया। लाहौल-स्पीति के करपट गांव में खतरे को देखते हुए दो दर्जन परिवार सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए। मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा और मंडी जिलों के लिए भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। कुल्लू, मंडी, शिमला और ऊना के कई इलाकों में आज स्कूल-कॉलेज बंद हैं।
राहत कार्य में सेना भी जुटी है। किन्नौर के होजिस लुंगपा नाले में फंसे लोगों तक सेना ने ड्रोन के जरिए खाद्य सामग्री पहुंचाई और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मॉनसून की शुरुआत से अब तक हिमाचल को 2,031 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में इस सीजन में 63 अचानक बाढ़, 31 बादल फटने और 57 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें 126 लोगों की मौत और 36 लोग लापता हैं।