देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े और महत्वाकांक्षी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्नो लेपर्ड साइटिंग (स्नो लेपर्ड टूर), हेली-स्कीइंग और हिमालयन कार रैली को तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही आगामी 20 दिसंबर तक शीतकालीन यात्रा के मद्देनजर केएमवीएन और जीएमवीएन की सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने तथा होटल व्यवसायियों के साथ बैठक आयोजित करने को कहा है।
शनिवार देर रात मुख्यमंत्री आवास में शीतकालीन पर्यटन को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रमुख पर्यटक स्थलों से जुड़ी सड़कें, होटल और अन्य बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह दुरुस्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं सड़क मार्ग से यात्रा कर व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही शीतकालीन पर्यटन से जुड़े हितधारकों के साथ दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने “वन डिस्ट्रिक्ट–वन फेस्टिवल” के तहत राज्य के प्रत्येक जनपद में एक-एक भव्य महोत्सव आयोजित करने के निर्देश दिए, जो उस जिले की विशिष्ट पहचान बने। इन महोत्सवों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रवासियों, ग्राम प्रधानों, अधिकारियों और आम जनता की अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। इसके अलावा राज्य स्तर पर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के भव्य महोत्सव के आयोजन के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने बागेश्वर में सरयू कॉरिडोर के विकास तथा सरयू नदी के उद्गम स्थल को गंगोत्री की तर्ज पर धार्मिक-आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही बागेश्वर में ट्राउट मछली, कीवी और लाल चावल के उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए इनके प्रोत्साहन पर गंभीरता से कार्य करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार, निजी संस्थानों, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के संयुक्त प्रयास से अंतरराष्ट्रीय स्तर का योग महोत्सव आयोजित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास की योजनाओं में पर्यटकों, टूर ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों और अन्य हितधारकों का फीडबैक शामिल किया जाए, ताकि सुविधाओं का विकास पर्यटकों की अपेक्षाओं के अनुरूप हो सके।
पौड़ी के पैठाणी स्थित राहु मंदिर और लाखामंडल मंदिर के सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना को शीघ्र धरातल पर उतारने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने देवप्रयाग सहित राज्य के सभी प्रमुख प्रयागों और घाटों में भव्य आरती आयोजित करने तथा नए घाटों के विकास पर भी जोर दिया।
बैठक में सचिव पर्यटन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लद्दाख मॉडल पर उत्तराखंड में “स्नो लेपर्ड टूर” शुरू किया जा रहा है। इसके तहत शीतकाल में गंगोत्री जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों को नियंत्रित रूप से पर्यटकों के लिए खोला जाएगा और गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में प्रायोगिक रूप से स्नो लेपर्ड पर्यटन संचालित किया जाएगा। इससे होमस्टे, स्थानीय गाइड, साहसिक पर्यटन और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने बताया कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शीतकालीन चारधाम यात्रा, साहसिक पर्यटन, सांस्कृतिक उत्सव और वन्यजीव पर्यटन को शामिल करते हुए व्यापक कार्ययोजना लागू की जा रही है। इसके तहत देश के प्रमुख शहरों में रोड शो, डिजिटल और प्रिंट मीडिया अभियान, विशेष टूर पैकेज, होटल-रिसॉर्ट्स में रियायत और शीतकालीन आयोजनों की श्रृंखला प्रस्तावित है।
कार्ययोजना के अंतर्गत औली, खलिया टॉप, बेदनीधार में स्कीइंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, रैपलिंग, मसूरी, नैनीताल और उत्तरकाशी में विंटर कार्निवल, ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव तथा जिम कॉर्बेट, नंधौर और गंगोत्री क्षेत्र में वन्यजीव व स्नो लेपर्ड पर्यटन गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को वर्षभर पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पंकज कुमार पांडे, शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, धीराज गब्र्याल, अपर सचिव बंशीधर तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जबकि सभी जिलों के जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।
