देहरादून। प्रदेश सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए फरवरी के दूसरे पखवाड़े में बजट पेश करने की तैयारी में है। सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने जानकारी दी कि सभी विभागों से बजट प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं और उन पर विचार-विमर्श जारी है। केंद्र सरकार के बजट के बाद राज्य बजट को अंतिम रूप दिया जाएगा।
मौजूदा बजट की प्रगति
सचिव वित्त ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में अभी तक 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जिसमें 6,000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय है। यह खर्च पिछले वर्ष की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक है, और अंतिम तिमाही में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है।
केंद्र के बजट पर निर्भरता
सचिव ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का बजट राज्य की बजट योजनाओं को दिशा देगा। “केंद्र के बजट से यह स्पष्ट होगा कि कौन सी नई योजनाएं आ रही हैं और कहां से राज्य को मदद मिल सकती है। इसके आधार पर हम अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देंगे,” उन्होंने कहा।
राजस्व में सुधार, कुछ क्षेत्रों में चुनौती
सचिव ने बताया कि जीएसटी, वैट और खनन क्षेत्र में राजस्व प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। हालांकि, वन विभाग, यूपीसीएल और कुछ अन्य निगमों से धनराशि लक्ष्य के अनुरूप नहीं मिली है। इसके बावजूद, उन्होंने संसाधनों की कमी से इनकार किया और कहा कि राज्य को केंद्र सरकार से स्वीकृतियों का प्रवाह सही तरीके से मिल रहा है।
अगले बजट पर फोकस
राज्य सरकार का फोकस नई योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और पूंजीगत व्यय में वृद्धि पर रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा और रोजगार से जुड़ी योजनाओं पर खास ध्यान दिया जा सकता है।
राज्य के बजट की घोषणा से पहले, केंद्र सरकार का बजट राज्य के लिए कई संकेत और सहयोग की संभावना लेकर आएगा, जो वित्तीय योजना की अंतिम रणनीति तय करने में मदद करेगा।