सिक्किम में भारी बारिश का कहर: भूस्खलन में तीन जवान शहीद, 1678 पर्यटकों का रेस्क्यू, कई अभी भी फंसे

खबर शेयर करें

नई दिल्ली/गंगटोक। उत्तर सिक्किम में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात बेकाबू हो गए हैं। मंगन जिले के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार को छातेन क्षेत्र में एक सैन्य शिविर पर भूस्खलन की चपेट में आने से तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि छह अब भी लापता हैं।

मृतकों की पहचान लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनिश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा के रूप में हुई है। राहत व बचाव कार्य में सेना, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं।

यह भी पढ़ें 👉  बधाई: उत्तराखंड ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में रचा इतिहास, पदकों का शतक पूरा किया

1678 पर्यटक रेस्क्यू, 100 से ज्यादा अब भी लाचुंग में फंसे

लाचुंग और चुंगथांग क्षेत्र में भारी बारिश के चलते फंसे 1,678 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। इन पर्यटकों में 561 महिलाएं, 380 बच्चे और सैकड़ों पुरुष शामिल हैं। हालांकि, लाचुंग में अभी भी 100 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं, जिनके लिए राहत कार्य जारी है।

यह भी पढ़ें 👉  पंजाब में ISI के लिए जासूसी कर रहा गगनदीप गिरफ्तार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की संवेदनशील जानकारी भेजी पाकिस्तान

सड़कें ध्वस्त, पुल बह गए, संपर्क मार्ग कटे

राज्य के पुलिस महानिदेशक अक्षय सचदेवा के अनुसार, भारी बारिश ने सड़कों को नुकसान पहुंचाया है, कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं। लाचेन में दो पुल पूरी तरह बह चुके हैं, जिससे लाचेन और लाचुंग का संपर्क पूरी तरह कट गया है। BRO और सेना की टीमें सड़कों को बहाल करने की कोशिश कर रही हैं ताकि राहत कार्य में तेजी लाई जा सके।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून में बिल्ली के बच्चों को लेकर मचा बवाल, चाचा-चाची पर क्रूरता और धमकी देने का मुकदमा दर्ज

तीस्ता नदी उफान पर, पर्यटन स्थलों पर खतरा

उत्तर सिक्किम में अब तक 130 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। तीस्ता नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पर्यटन स्थलों जैसे लाचुंग, लाचेन, गुरुडोंगमार और फूलों की घाटी पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।

You cannot copy content of this page