देहरादून। उत्तराखंड में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल की कमी से परेशान उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने जनवरी माह के लिए करीब ढाई लाख टन चावल की आपूर्ति का ऑर्डर जारी कर दिया है। इसके बाद नए साल से प्रदेश के सभी जिलों में राशन वितरण व्यवस्था पटरी पर लौटने की उम्मीद है।
पिछले कुछ महीनों से विशेषकर पर्वतीय जिलों और दूरस्थ क्षेत्रों में चावल की किल्लत बनी हुई थी। आपूर्ति व्यवस्था में बदलाव के चलते समय पर राशन डिपो तक चावल नहीं पहुंच पा रहा था, जिससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। सरकार ने अब आपूर्ति बहाल करने के लिए वेंडर को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
सरकार ने राज्य खाद्य योजना के तहत राशन वितरण के स्वरूप में भी बदलाव किया है। नए साल से लाभार्थियों को प्रति यूनिट पांच किलो गेहूं और ढाई किलो चावल दिया जाएगा। इससे पहले प्रति यूनिट साढ़े सात किलो चावल उपलब्ध कराया जा रहा था। गेहूं को राशन में शामिल किए जाने से चावल पर निर्भरता कम होगी और भविष्य में संकट की आशंका भी घटेगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अपर आयुक्त पीएस पांगती के अनुसार, जारी किए गए ऑर्डर के बाद प्रदेश के सभी 13 जिलों में चावल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मैदानी इलाकों के साथ-साथ दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए विशेष परिवहन व्यवस्था की जा रही है, ताकि कहीं भी राशन वितरण बाधित न हो।
विभाग का कहना है कि नई व्यवस्था से न केवल चावल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को संतुलित और गुणवत्तापूर्ण अनाज भी मिलेगा। नए साल के साथ ही प्रदेश में राशन वितरण को लेकर बनी अनिश्चितता समाप्त होने की उम्मीद है और लाभार्थियों को समय पर तय मात्रा में राशन मिल सकेगा।
