नई दिल्ली। 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण कर राष्ट्र को संबोधित किया। सेना की टुकड़ी से गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करने के बाद पीएम मोदी ने इसे “आज़ादी का महापर्व, संकल्प का महापर्व” बताया और देशवासियों से एकता और आत्मनिर्भरता का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माताओं को नमन करते हुए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और राहत-बचाव कार्यों में जुटे राज्य एवं केंद्र सरकार के प्रयासों की जानकारी दी।
पीएम मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख करते हुए कहा कि पहलगाम हमले के बाद सेना को खुली छूट दी गई थी, और हमारे जवानों ने दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद और उसके संरक्षकों के प्रति “न्यू नॉर्मल” स्थापित कर चुका है और परमाणु धमकियों को सहन नहीं करेगा।
सिंधु समझौते को “एकतरफा और अन्यायपूर्ण” बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के हिस्से का पानी अब केवल भारत और उसके किसानों के लिए होगा। उन्होंने किसानों को राष्ट्रनिर्माण का आधार बताते हुए आत्मनिर्भर भारत के महत्व पर जोर दिया।
तकनीकी क्षेत्र में, पीएम मोदी ने बताया कि 50-60 साल पहले रुके सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को उनकी सरकार ने मिशन मोड में आगे बढ़ाया है, और इस साल के अंत तक “मेड इन इंडिया” चिप्स बाजार में आएंगी। उन्होंने सोलर एनर्जी, हाइड्रो पावर, ग्रीन हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा में निवेश बढ़ाने की भी घोषणा की, साथ ही निजी क्षेत्र के लिए परमाणु ऊर्जा के द्वार खोलने का ऐलान किया।
समारोह में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी और असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा समेत देशभर के नेताओं ने अलग-अलग स्थानों पर ध्वजारोहण कर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।

