उत्तराखंड: सहकारी समितियों के चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, पुरानी नियमावली से कराने के आदेश

खबर शेयर करें

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने सहकारी समितियों के चुनाव को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि चुनाव पुरानी नियमावली के तहत ही कराए जाएं। इस आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने अगले आदेश तक चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी है।

प्राधिकरण की सदस्य सचिव रमिन्द्री मन्द्रवाल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया। गौरतलब है कि सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में सहकारी समितियों के चुनाव संपन्न हुए थे।

यह भी पढ़ें 👉  नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया नया इनकम टैक्स बिल 2025

नए संशोधन पर कोर्ट की आपत्ति

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधन पर आपत्ति जताई। भुवन पोखरिया व अन्य याचिकाकर्ताओं ने इसे कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद नियमों में संशोधन किया है, जो गलत है।

यह भी पढ़ें 👉  रामनगर में तेंदुए का आतंक, खेत में काम कर रहे ग्रामीण पर किया हमला

सेवानिवृत्त कर्मियों को मतदान अधिकार देने पर विवाद

सरकार के संशोधित नियमों के तहत सेवानिवृत्त कर्मियों और समिति के गैर-सदस्यों को भी मतदान का अधिकार दिया गया था। याचिकाकर्ताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह नियम विरुद्ध है, क्योंकि पूर्व नियमों के अनुसार केवल वे ही लोग चुनाव में भाग ले सकते हैं, जो तीन साल से समिति के सदस्य हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तरकाशी (अपडेट): बादल फटने से धराली गांव में आई बाढ़ में चार की मौत, कई अब भी लापता, सीएम धामी ने जताया दुःख...Video

चुनाव प्रक्रिया पर प्रभाव

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सहकारी समितियों के चुनाव फिलहाल रोक दिए गए हैं। अब राज्य सरकार को तय करना होगा कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करेगी या फिर इस मामले में आगे अपील दायर करेगी।

You cannot copy content of this page