नैनीताल। भीमताल और नैनीताल मार्ग पर जाम की समस्या को देखते हुए प्रस्तावित काठगोदाम-अमृतपुर बाईपास के लिए अब रामनगर के तराई पश्चिमी वन प्रभाग में वन भूमि दी जाएगी। वन विभाग ने इसके लिए करीब 7.5 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली है। जिलाधिकारी वंदना ने जानकारी दी कि इसका प्रस्ताव जल्द वन विभाग को भेजा जाएगा।
वर्ष 2023 में शासन को भेजे गए इस बाईपास प्रस्ताव के तहत काठगोदाम से गुलाबघाटी और अमृतपुर के बीच 3.5 किलोमीटर लंबा बाईपास बनाया जाना है। चूंकि यह मार्ग वन भूमि से होकर गुजरेगा, इसलिए क्षतिपूरक वनीकरण (Compensatory Afforestation) के लिए प्रशासन को वैकल्पिक भूमि देनी थी।
पूर्व में नैनीताल वन प्रभाग में 6.54 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर वन विभाग को सौंपी गई थी, लेकिन उस जमीन पर पहले से पौधरोपण होने के कारण प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) व नोडल अधिकारी रंजन मिश्रा ने आपत्ति जता दी थी।
पहले हाईकोर्ट की आरक्षित भूमि देने का प्रस्ताव था, जिस पर आपत्ति के चलते अब स्थान परिवर्तन कर दिया गया है। नई भूमि रामनगर क्षेत्र में चिन्हित कर ली गई है, जो वन विभाग की आवश्यकताओं के अनुरूप मानी जा रही है।
बाईपास निर्माण से मिल सकती है बड़ी राहत
इस बाईपास के बनने से नैनीताल और भीमताल मार्ग पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। साथ ही, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा, जिससे आवागमन अधिक सुगम होगा।