महाशिवरात्रि 2025: शिव-पार्वती विवाह उत्सव, जानें पूजा मुहूर्त और महत्व

खबर शेयर करें

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस पावन अवसर पर शिव भक्त व्रत-उपवास रखकर भोलेनाथ का रुद्राभिषेक एवं विशेष पूजन करते हैं।

महाशिवरात्रि व्रत और पूजा विधि

महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और रात्रि के समय भगवान शिव का अभिषेक कर पूजा-अर्चना करते हैं। महिलाएं विशेष रूप से इस दिन व्रत रखती हैं और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक, बेलपत्र, धतूरा, भांग और दूध से भगवान शिव का अभिषेक करना शुभ माना जाता है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तरकाशी आपदा: राहत-बचाव कार्य फिर शुरू, गंगोत्री हाईवे के पास सड़क धंसी, राहत टीमें भटवाड़ी में फंसी

महाशिवरात्रि 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार,

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे
  • चतुर्दशी तिथि समापन: 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे
यह भी पढ़ें 👉  नैनीताल: कैंचीधाम बाईपास निर्माण पर वन विभाग की आपत्ति, फाइल लौटाई

महाशिवरात्रि का पूजन रात्रि के समय किया जाता है। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • प्रथम प्रहर: सुबह 6:47 बजे से 9:42 बजे तक
  • द्वितीय प्रहर: सुबह 11:06 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
  • तृतीय प्रहर: दोपहर 3:25 बजे से शाम 6:08 बजे तक
  • चतुर्थ प्रहर: रात 8:54 बजे से 12:01 बजे तक
यह भी पढ़ें 👉  आपातकालीन केंद्र पहुंचे सीएम धामी, अफसरों को किया अलर्ट, राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश...देखें Video

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और रात्रि जागरण करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

You cannot copy content of this page