उत्तरकाशी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुखबा स्थित गंगा मंदिर में 20 मिनट तक मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति की ओर से प्रधानमंत्री को गंगाजल भेंट किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां गंगा के शीतकालीन निवास मुखबा में बर्फ से ढके पहाड़ों की सुंदरता का आनंद लिया। उन्होंने यहां एकत्र लोगों का अभिवादन भी किया।
सुरक्षा कड़ी, बिना पास के जनसभा में प्रवेश नहीं
प्रधानमंत्री मोदी की हर्षिल में होने वाली जनसभा के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। जनसभा स्थल पर बिना पास के किसी भी ग्रामीण को प्रवेश नहीं मिलेगा। पीएम के कार्यक्रम के दौरान हर्षिल और मुखबा क्षेत्र को जीरो जोन घोषित किया गया है।
सीमांत गांवों के लोग सुबह से जुटे
प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए सीमांत गांवों से लोग गुरुवार सुबह 7 बजे से ही जनसभा स्थल पर पहुंचने लगे। ग्रामीणों में प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर भारी उत्साह है, खासकर ऐसे समय में जब भारत-चीन सीमा से सटे क्षेत्रों में सरकार विकास कार्यों को गति दे रही है।
सीमा व्यापार और कैलाश मानसरोवर यात्रा की उम्मीद जगी
1962 के भारत-चीन युद्ध से पहले उत्तराखंड के सीमांत गांवों का तिब्बत से सीधा व्यापारिक संबंध था। चमोली जिले के नीति-माणा, उत्तरकाशी के कोपांग-जादूंग और पिथौरागढ़ के गुंजी गांवों से तिब्बत और कैलाश मानसरोवर यात्रा का मार्ग जुड़ा था।
युद्ध के बाद यह व्यापार और यात्रा पिछले छह दशकों से बंद है। हालांकि 1976 में मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हुई, लेकिन कोविड महामारी और भारत-चीन संबंधों में तल्खी के कारण यह फिर बाधित हो गई। हाल ही में केंद्रीय विदेश मंत्री और चीन के विदेश मंत्री के बीच इस यात्रा को फिर से शुरू करने को लेकर हुई चर्चा से स्थानीय लोगों की उम्मीदें जगी हैं।
इधर, चमोली जिला प्रशासन द्वारा सीमा दर्शन की कवायद शुरू करने से भी सीमांत क्षेत्रों के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है।