देहरादून। उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कुशल वित्तीय प्रबंधन का उदाहरण पेश कर रही है। इस वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में ही खनन से 686 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के कुल 646 करोड़ रुपए के राजस्व से अधिक है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर, राज्य में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिसमें राजस्व अर्जित करने वाले विभागों से चर्चा की जा रही है, और इसका सकारात्मक असर नजर आने लगा है।
खनन से होने वाली राजस्व प्राप्ति में लगातार वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में खनन से कुल 397 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो अब बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 646 करोड़ हो गया। इसी वर्ष में खनन से प्राप्त राजस्व में लगभग 36.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अब तक, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 29 दिसंबर तक खनन से 686 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है, जबकि इस वर्ष में तीन माह शेष हैं। अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक खनन से 1000 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा, जो पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले करीब 50 प्रतिशत अधिक होगा।
रणनीति में बदलाव
मुख्यमंत्री के निर्देश पर, वित्त और खनन विभाग ने राजस्व बढ़ाने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब खनन कार्यों की निगरानी बाहरी सहायतित एजेंसियों द्वारा की जा रही है, जबकि पहले यह कार्य खनन विभाग स्वयं करता था। इस बदलाव के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
स्वयं के कर से भी बढ़ा राजस्व
राज्य के स्वंय के कर राजस्व में भी लगातार वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य को स्वंय के कर से 11,513 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 19,245 करोड़ हो गया। इस वित्तीय वर्ष में अनुमान है कि स्वयं के कर से कुल राजस्व 22,500 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।