हल्द्वानी। राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने डॉ. सुशीला तिवारी चिकित्सालय (एसटीएच) में मरीजों के आर्थिक हितों की सुरक्षा और बेहतर उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। प्राचार्य डॉ. गोविन्द सिंह तितियाल ने सभी क्लीनिकल विभागाध्यक्षों और चिकित्सकों को आदेशित किया है कि ओपीडी एवं आईपीडी में भर्ती मरीजों के इलाज में केवल चिकित्सालय में उपलब्ध चिन्हित एवं जैनरिक दवाओं का ही प्रयोग किया जाए।
चिकित्सालय प्रशासन के अनुसार, पूर्व में कई बार दिशा-निर्देश जारी होने के बावजूद कुछ चिकित्सकों द्वारा बाहर की महंगी दवाएं लिखे जाने की शिकायतें मिल रही थीं, जिससे विशेषकर निर्धन और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ रहा था। जबकि अस्पताल में अनेक आवश्यक दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्राचार्य ने स्पष्ट किया है कि बाहरी दवाओं का उपयोग केवल अत्यावश्यक परिस्थितियों में ही किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में किसी मरीज के उपचार में गैरजरूरी रूप से महंगी बाहरी दवाएं लिखी जाती हैं, तो संबंधित विभागाध्यक्ष और चिकित्सक इसके लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे और उनके खिलाफ नियमानुसार कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
चिकित्सालय प्रशासन का कहना है कि यह कदम मरीजों की आर्थिक सुरक्षा, पारदर्शी उपचार प्रणाली और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर भरोसा मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

