मुंबई। प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह संक्षिप्त बीमारी से ग्रसित थे। उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
पंडित प्रभाकर कारेकर को “बोलवा विठल पाहावा विठल” और “वक्रतुंड महाकाय” जैसे प्रसिद्ध भजनों के लिए जाना जाता है। वे एक उत्कृष्ट गायक और शिक्षक के रूप में सम्मानित थे। ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर वे ग्रेडेड कलाकार के रूप में प्रस्तुति देते थे।
उन्होंने संगीत की शिक्षा पंडित सुरेश हल्दांकर, पंडित जितेंद्र अभिषेकी और पंडित सी. आर. व्यास जैसे महान गुरुओं से प्राप्त की थी। अपने संगीत योगदान के लिए उन्हें तानसेन सम्मान, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और गोमंत विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कारेकर ने ऑर्नेट कोलमैन और सुल्तान खान के साथ फ्यूजन संगीत में भी प्रयोग किए थे। उनके निधन से शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अपूरणीय क्षति हुई है। वे अपने पीछे तीन बेटे छोड़ गए हैं।