सीएमओ की तहरीर पर पुलिस ने की एफआईआर, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल की थी नौकरी
अल्मोड़ा। जनपद के स्वास्थ्य विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का एक पुराना मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। करीब तीन दशक पूर्व बहुउद्देशीय कार्यकर्ता (पुरुष) के पद पर नियुक्त तीन कर्मचारियों की नियुक्ति फर्जी पाए जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की ओर से तहरीर देकर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
सीएमओ डॉ. आरसी पंत द्वारा पुलिस अधीक्षक को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वर्ष 1989 में अरुण शुक्ला, बीरबल सिंह और जयवीर सिंह नामक तीन व्यक्तियों ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति प्राप्त की थी। जांच में सामने आया है कि इनकी नियुक्ति के लिए जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे, वे न तो सीएमओ कार्यालय से निर्गत थे और न ही उन पर किसी अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर मौजूद थे।
सीएमओ कार्यालय की ओर से दर्ज कराई गई तहरीर में इस मामले को एक सुनियोजित साजिश बताया गया है, जिसमें आरोपितों ने दूसरे जनपदों से स्थानांतरण दिखाते हुए अल्मोड़ा में फर्जी रूप से सेवा अभिलेख तैयार करवाए और नियमित रूप से कार्यभार भी ग्रहण कर लिया।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ कार्यालय ने इसे संगीन अपराध करार देते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही नियुक्ति पत्रों की प्रतिलिपियां एवं अन्य साक्ष्य भी पुलिस को उपलब्ध कराए गए हैं।
गौरतलब है कि यह मामला पहले भी शासन स्तर पर उठाया गया था। वर्ष 1992 में शासन को इस संबंध में जानकारी प्रेषित की गई थी, किंतु लंबे समय तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। अब जब प्रमाणित दस्तावेजों के अभाव में नियुक्ति की पुष्टि नहीं हो पा रही है, तब जाकर प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस मामले की जांच में जुटी
पुलिस ने सीएमओ की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से चल रही इस फर्जी नियुक्ति की परतें खुलने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।