ईरान में बनाए जाएंगे आठ न्यूक्लियर पावर प्लांट, रूस देगा सहयोग: एटॉमिक चीफ

खबर शेयर करें

तेहरान। ईरान के एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन (एईओआई) के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि रूस, दोनों देशों के बीच पहले से हुए समझौते के तहत ईरान में आठ न्यूक्लियर पावर प्लांट का निर्माण करेगा। यह जानकारी तेहरान स्थित एईओआई मुख्यालय के दौरे पर पहुंचे संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति समिति के सदस्यों को दी गई।

इस्लामी ने बताया कि इन आठ न्यूक्लियर रिएक्टरों में से चार दक्षिणी प्रांत बुशहर में बनाए जाएंगे। उन्होंने मौजूदा बुशहर न्यूक्लियर पावर प्लांट में यूनिट-2 और यूनिट-3 के निर्माण की प्रगति के बारे में भी सांसदों को जानकारी दी, जिनका निर्माण फिलहाल ईरानी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  भारतीय नौसेना ने दिखाई ताकत, सफल एंटी-शिप फायरिंग के जरिए दिया दुश्मनों को करारा संदेश

तीन गुना बढ़ेगी परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता

मीडिया से बात करते हुए एईओआई चीफ इस्लामी ने बताया कि ईरान की योजना अपने नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को विस्तार देने की है और इसके तहत देश की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को तीन गुना किया जाएगा। यह पहल राष्ट्रीय ऊर्जा विकास रणनीति का हिस्सा है।

गौरतलब है कि बुशहर पावर प्लांट का पहला चरण मई 2011 में रूस के सहयोग से पूरा हुआ था। यह ईरान का पहला और अब तक का एकमात्र चालू न्यूक्लियर पावर प्लांट है, जिसमें रूस की सरकारी परमाणु एजेंसी रोसाटॉम की प्रमुख भूमिका रही है।

यह भी पढ़ें 👉  यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका के समर्थन पर जताया आभार

नए संयंत्रों के लिए रूस देगा वित्तीय सहयोग

इस साल अप्रैल में ईरान के पेट्रोलियम मंत्री मोहसेन पकनेजाद ने जानकारी दी थी कि रूस, मास्को की क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल कर नए परमाणु संयंत्रों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता देगा। इसके अंतर्गत बुशहर प्लांट के दूसरे और तीसरे चरण का कार्य भी पूरा किया जाएगा।

आईएईए को ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा पर चिंता

यह भी पढ़ें 👉  ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ बना कानून, ट्रंप ने बताया अमेरिका के ‘नए स्वर्ण युग’ की शुरुआत

इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने ईरान को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ईरान एक सफल परमाणु परीक्षण से बहुत दूर नहीं है। हालांकि, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, ईरान ने अब तक कोई हथियार कार्यक्रम शुरू नहीं किया है, लेकिन अगर वह चाहे तो परमाणु हथियार बनाने की स्थिति में है।

ईरान के इस नए परमाणु ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम को पश्चिमी देशों द्वारा नज़दीकी से देखा जा रहा है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय रणनीतिक संतुलन पर असर पड़ सकता है।