नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अवैध विदेशी घुसपैठियों पर शिकंजा कसते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी गजट अधिसूचना में कहा गया है कि देश से बाहर निकाले जाने से पहले ऐसे लोगों को विशेष हिरासत केंद्रों में रखा जाएगा।
सरकार ने ‘आव्रजन एवं विदेशी आदेश, 2025’ के तहत विदेशी न्यायाधिकरणों की शक्तियों में भी विस्तार किया है। नए प्रावधानों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की नागरिकता संदिग्ध है और वह न्यायाधिकरण के सामने पेश नहीं होता, तो उसकी हिरासत का आदेश दिया जा सकेगा। साथ ही, जो व्यक्ति अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने में विफल रहेगा और जमानत भी प्रस्तुत नहीं कर पाएगा, उसे सीधे डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा।
विदेशियों के रोजगार पर सख्ती
अधिसूचना में निजी क्षेत्र में विदेशियों को रोजगार देने को लेकर भी कड़े नियम लागू किए गए हैं। अब वैध वर्क वीजा रखने वाला कोई भी विदेशी नागरिक, स्थानीय प्राधिकरण की अनुमति के बिना बिजली, पानी, पेट्रोलियम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में कार्य नहीं कर सकेगा। वहीं, रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और मानवाधिकार जैसे क्षेत्रों में किसी विदेशी की नियुक्ति से पहले केंद्र सरकार की मंजूरी अनिवार्य होगी।
नेपाल-भूटान के नागरिकों को राहत
सरकार ने नेपाल और भूटान के नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए स्पष्ट किया है कि उन्हें भारत आने-जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की आवश्यकता नहीं होगी। यही छूट उन तिब्बती शरणार्थियों को भी दी गई है, जो वर्ष 1959 से लेकर 30 मई, 2003 तक भारत में प्रवेश कर चुके हैं और संबंधित अधिकारियों के पास पंजीकृत हैं।