हल्द्वानी। डिजिटल मीडिया से जुड़े युवा पत्रकार राजीव प्रताप (35) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे प्रदेश के पत्रकार समाज को झकझोर दिया है।
बीते 10 दिनों से लापता राजीव प्रताप का शव उत्तरकाशी के जोशयाड़ा बैराज से बरामद हुआ। राजीव की कार लापता होने के अगले दिन स्यूणा गांव के पास मिली थी, लेकिन वे उसमें मौजूद नहीं थे। शव मिलने के बाद हत्या की आशंका गहरा गई है, क्योंकि राजीव लंबे समय से भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों का खुलासा कर रहे थे।
इस घटना से पत्रकारों में गहरा आक्रोश और असुरक्षा की भावना फैल गई है। प्रदेशभर के पत्रकार संगठनों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मामले की एसआईटी, सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की है। पत्रकारों का कहना है कि यह केवल दुर्घटना नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश हो सकती है, जिसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
साथ ही पत्रकारों ने राज्य सरकार से पत्रकार सुरक्षा के लिए ठोस नीति बनाने और दोषियों को कठोर दंड दिलाने की मांग उठाई है। राजीव प्रताप की असमय और रहस्यमयी मौत ने पत्रकारिता जगत को गहरे शोक और असंतोष में डाल दिया है।