नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 2026-27 शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा। इसके साथ ही, वैश्विक पाठ्यक्रम (Global Curriculum) की भी शुरुआत की जाएगी, जिससे विदेशी छात्रों को लाभ मिलेगा।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। इस बैठक में सीबीएसई ग्लोबल स्कूलों के अधिकारी और प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बैठक के दौरान नए पाठ्यक्रम को विकसित और लागू करने के लिए आवश्यक योजनाओं पर चर्चा की गई।
मसौदा योजना पर जनता से मांगे जाएंगे सुझाव
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले ही संकेत दिया था कि दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना पर मसौदा जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए तनाव मुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। प्रधान ने बताया, “हमने स्कूली शिक्षा सचिव, सीबीएसई अध्यक्ष और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इस पर विस्तृत विचार-विमर्श किया है। जल्द ही सीबीएसई इस योजना पर जनता की राय लेने के लिए इसे सार्वजनिक करेगा।”
वैश्विक पाठ्यक्रम की होगी शुरुआत
इसके साथ ही, सीबीएसई 2026-27 से विदेशी छात्रों के लिए वैश्विक पाठ्यक्रम शुरू करेगा। यह पाठ्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा, जिससे विदेशी छात्रों को भारतीय शिक्षा प्रणाली से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
सीबीएसई परीक्षा 15 फरवरी से 4 अप्रैल तक
फिलहाल सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेंगी। हाल ही में सीबीएसई ने परीक्षा में पेपर लीक जैसी अफवाहों को लेकर एक नोटिस भी जारी किया था और छात्रों से सतर्क रहने की अपील की थी।
परीक्षा सुधारों से छात्रों को मिलेगा लाभ
सरकार का मानना है कि साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने से छात्रों को तनाव कम होगा और उनके पास बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अधिक अवसर मिलेंगे। शिक्षा मंत्री ने इसे “परीक्षा सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम” बताया है। सीबीएसई की यह नई पहल छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करेगी और शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाएगी।