कैबिनेट का बड़ा फैसला: एलपीजी सब्सिडी समेत पूर्वोत्तर विकास के लिए 52,667 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आम जनता और पूर्वोत्तर भारत के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में कुल 52,667 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी गई, जिसमें एलपीजी सब्सिडी, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और पूर्वोत्तर राज्यों के विशेष विकास योजनाओं को शामिल किया गया है।

रसोई गैस पर दोहरे राहत पैकेज
कैबिनेट ने उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी लाभार्थियों को बड़ी राहत देते हुए 300 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी को मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मंजूरी दी है। यह सब्सिडी साल में 9 रिफिल पर लागू होगी, जिसके लिए 12,060 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। वहीं दूसरी ओर, तेल विपणन कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की ऊंची कीमतों के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 30,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह राशि 12 किस्तों में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को दी जाएगी।

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पूर्वोत्तर राज्यों को विशेष सौगात
बैठक में पूर्वोत्तर के असम और त्रिपुरा के लिए 4,250 करोड़ रुपये के विशेष विकास पैकेज को भी मंजूरी दी गई। इसके तहत आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा और सामाजिक समावेश को बढ़ावा दिया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस पैकेज के अंतर्गत चार नए घटकों को जोड़ा गया है, जो 2450 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ लागू होंगे। वहीं, दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी और दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल के साथ हुए समझौते के तहत असम के उत्तरी कैचर हिल्स स्वायत्त परिषद क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया है।

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समानता और समावेश पर जोर
सरकार का कहना है कि यह पूरा पैकेज सामाजिक समानता, समावेश और पूर्वोत्तर क्षेत्र के संतुलित विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही एलपीजी सब्सिडी से गरीब और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिलेगी।

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