नई दिल्ली। बारिश की बूंदों को जहां एक ओर प्रकृति की खूबसूरती का प्रतीक माना जाता है, वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे ‘आसमान से गिरा अमृत’ बता रहे हैं। आयुर्वेदाचार्य और स्वास्थ्य विशेषज्ञ आचार्य मनीष का कहना है कि बारिश में नहाना शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में बताया कि इससे न केवल शरीर की गर्मी दूर होती है, बल्कि गंभीर बीमारियों से भी बचाव संभव है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के पानी में नहाने से शरीर की भीतरी गर्मी निकल जाती है, जिससे किडनी से जुड़ी समस्याएं, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर स्थितियों से बचा जा सकता है। आचार्य मनीष का दावा है कि पहले के समय में बच्चों को बारिश में नहलाना एक पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का हिस्सा था, जिससे शरीर संतुलित रहता था।
तनाव से राहत, रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा
एक शोध के हवाले से बताया गया है कि बारिश की हल्की अम्लीय प्रकृति और उसका ठंडा तापमान एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे ‘हैप्पी हार्मोन’ के स्राव को बढ़ावा देता है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और व्यक्ति प्रसन्न महसूस करता है। साथ ही, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती देता है।
त्वचा रोगों में भी कारगर
त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के पानी में नहाने से दाने, चकत्ते और एलर्जी जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है। साफ और ताजे वर्षा जल में मौजूद प्राकृतिक तत्व त्वचा की सफाई में सहायक होते हैं।
किन लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी
हालांकि विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दी है कि बुखार, सर्दी-जुकाम या त्वचा की अधिक संवेदनशीलता वाले लोगों को बारिश में भीगने से परहेज करना चाहिए। विशेष रूप से पहली बारिश, जो प्रदूषण से युक्त हो सकती है, उसमें नहाने से बचने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष:
विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश को रोगों का कारण नहीं, बल्कि प्राकृतिक उपचार के रूप में देखें। हालांकि, सावधानी और स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही वर्षा स्नान करें। सही तरीके से किया गया बारिश में स्नान शरीर और मन, दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।