माइग्रेन से राहत दिलाने में कारगर पारिजात, आयुर्वेद में बताया गया रामबाण

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नई दिल्ली। सिरदर्द से जूझ रहे मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। आयुर्वेद में ‘स्वर्ग का वृक्ष’ कहे जाने वाले पारिजात (हरसिंगार) को माइग्रेन जैसी गंभीर समस्या से राहत दिलाने में बेहद असरदार बताया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, पारिजात के पत्ते, फूल और छाल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, जो माइग्रेन, गठिया, मधुमेह और हृदय रोगों में फायदेमंद हैं।

42 दिनों तक सेवन करने से होगा फायदा

पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी के अनुसार, माइग्रेन का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन पारिजात से बने काढ़े का नियमित सेवन 42 दिनों तक करने से राहत मिल सकती है।

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कैसे बनाएं पारिजात का काढ़ा?

  • पारिजात के सात पत्ते लें।
  • इन्हें एक गिलास पानी में उबालें।
  • पानी जब आठवां हिस्सा रह जाए, तो इसे छानकर पी लें।
  • इसे रोजाना पीने से दिमाग की नसें रिलैक्स होती हैं और दर्द में राहत मिलती है।
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गैस और पाचन की समस्या में भी फायदेमंद

डॉ. तिवारी ने बताया कि माइग्रेन का एक कारण वात दोष भी होता है, जिसे संतुलित करने के लिए पारिजात की चाय बेहद कारगर है। खाने के बाद पारिजात की चाय पीने से पाचन सही रहता है और गैस की समस्या नहीं होती।

सर्दी-जुकाम और बुखार में भी रामबाण

चिकित्सकों के अनुसार, पारिजात सिर्फ माइग्रेन ही नहीं, बल्कि सर्दी-जुकाम, बुखार, हड्डियों के दर्द और त्वचा रोगों में भी फायदेमंद है। इसके पत्तों से बनी चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है और अस्थमा व सांस संबंधी समस्याओं के लिए भी लाभकारी है।

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आयुर्वेद में पारिजात को संजीवनी बूटी की तरह माना जाता है। अगर आप माइग्रेन या अन्य बीमारियों से परेशान हैं, तो इस प्राकृतिक औषधि का लाभ जरूर लें!