देहरादून। उत्तराखंड में दुग्ध उत्पादन को लेकर की जा रही सरकारी कोशिशों का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। बीते वर्ष की तुलना में प्रदेश में प्रतिदिन 30 हजार लीटर अधिक दूध का उपार्जन हो रहा है। वर्तमान में 2,700 दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से प्रतिदिन 2.60 लाख लीटर दूध एकत्र किया जा रहा है, जबकि मार्च 2024 में यह आंकड़ा 2.30 लाख लीटर था।
दुग्ध विकास विभाग के अनुसार, प्रदेश भर में 55 हजार दुग्ध उत्पादकों से दूध की खरीद की जाती है और उपभोक्ताओं तक आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है। विभाग के संयुक्त निदेशक जयदीप अरोड़ा ने बताया कि दुग्ध उत्पादन को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
एक आकलन के अनुसार, उत्तराखंड में प्रतिदिन लगभग पांच लाख लीटर दूध की खपत होती है। इसमें से 3.5 लाख लीटर दूध विभिन्न बाहरी कंपनियों के माध्यम से प्रदेश में आता है। जबकि प्रदेश सरकार का ‘आंचल’ ब्रांड प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर खुला और पैकेटबंद दूध उपलब्ध कराता है।
संयुक्त निदेशक अरोड़ा ने कहा कि दुग्ध व्यवसाय राज्य में स्वरोजगार का मजबूत जरिया बनता जा रहा है। सहकारी समितियों की सक्रियता और किसानों की भागीदारी से उत्पादन में यह वृद्धि दर्ज की गई है।