नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नवजात शिशुओं की तस्करी के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताते हुए सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि किसी अस्पताल से नवजात शिशु की चोरी होती है, तो उस अस्पताल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
दिल्ली-एनसीआर में हाल ही में नवजात बच्चों की तस्करी करने वाले गैंग के पर्दाफाश के बाद शीर्ष अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यह टिप्पणी की। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ चौंकाने वाली हैं, बल्कि यह दर्शाती हैं कि सिस्टम में गंभीर खामियां हैं।
कोर्ट ने देश की सभी निचली अदालतों को निर्देश दिए हैं कि बाल तस्करी से जुड़े मामलों की सुनवाई छह महीने के भीतर पूरी की जाए। साथ ही, कोर्ट ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामलों में भारतीय संस्थानों द्वारा सुझाए गए उपायों को भी अपने आदेश में शामिल करते हुए राज्य सरकारों को उन्हें पढ़ने और अमल में लाने के निर्देश दिए।
पीठ ने कहा कि बच्चों की तस्करी से जुड़े मामलों में कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है और इस दिशा में प्रशासनिक उदासीनता किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगी।