नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया है। यह नया बिल पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा, जो समय के साथ पेचीदा हो गया था और बार-बार संशोधनों की वजह से जटिल हो गया था। नए बिल में सरकार ने टैक्स कानूनों के सरलीकरण पर जोर दिया है।
नए बिल के तहत, पुराने कानून के 819 सेक्शन को घटाकर 536 किया गया है। इसके अलावा, अनावश्यक छूटों को समाप्त किया गया है और शब्द सीमा को 5 लाख से घटाकर 2.5 लाख कर दिया गया है। नया बिल टैक्स नियमों को और अधिक सरल बनाने पर केंद्रित है, साथ ही ‘असेसमेंट ईयर’ को ‘टैक्स ईयर’ से बदलने का प्रस्ताव भी किया गया है। नया टैक्स कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।
लोकसभा में पेश होने के बाद, इस नए बिल को वित्त पर संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाएगा, जहां आगे के विचार-विमर्श होंगे। यह बिल मौजूदा टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करेगा और न ही दी गई टैक्स छूट को कम करेगा। इसके बजाय, इसका मुख्य उद्देश्य पुराने कानून को समकालीन जरूरतों के अनुकूल बनाना है।
नए इनकम टैक्स बिल 2025 से भारत का टैक्स बेस मजबूत होगा और आय स्थिरता में सुधार आएगा। यह कानून भारत के टैक्स सिस्टम को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के करीब लाएगा। एक अन्य प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें टेक्नोलॉजी से संचालित असेसमेंट पर जोर दिया गया है, जिससे टैक्स प्रावधानों को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाया जाएगा।
नए बिल में व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए टैक्स प्रावधानों को समझाने के लिए तालिकाएं, उदाहरण और सूत्र शामिल किए गए हैं, ताकि इनका पालन करना सरल हो। सरकार का उद्देश्य यह है कि बिजनेस अपनी रणनीति को टैक्स प्लानिंग के बजाय विकास पर केंद्रित करें, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।