नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी भारतीय एजेंसियों के आग्रह पर इंटरपोल रेड नोटिस हटने के बावजूद की गई है। 13,850 करोड़ रुपये के इस बहुचर्चित घोटाले में चोकसी की गिरफ्तारी को भारतीय जांच एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है।
65 वर्षीय चोकसी को शनिवार, 12 अप्रैल को बेल्जियम के एंटवर्प में हिरासत में लिया गया। वह अपनी पत्नी प्रीति चोकसी, जो बेल्जियम की नागरिक हैं, के साथ वहां ‘रेसिडेंसी कार्ड’ प्राप्त कर रह रहा था। सूत्रों का कहना है कि चोकसी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर जमानत की मांग कर सकता है।
गौरतलब है कि चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर पीएनबी से हज़ारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। उन्होंने मुंबई स्थित पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा के अधिकारियों की मिलीभगत से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) और फॉरेन क्रेडिट लेटर (FLC) के जरिए धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
सीबीआई और ईडी ने चोकसी, नीरव मोदी, उनकी कंपनियों और बैंक अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार जैसे संगीन आरोपों में मुकदमा दर्ज कर रखा है। घोटाले के उजागर होने से पहले, जनवरी 2018 में दोनों भारत से फरार हो गए थे।
मेहुल चोकसी गीतांजलि जेम्स का संस्थापक है, जबकि उसका भतीजा नीरव मोदी इस समय ब्रिटेन की जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पित किए जाने का विरोध कर रहा है।
2018 से चोकसी के खिलाफ ईडी की याचिका लंबित है, जबकि नीरव मोदी को 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित किया जा चुका है। 2021 में चोकसी एंटीगुआ से लापता हुआ था और बाद में डोमिनिका में पकड़ा गया।
सूत्रों का कहना है कि चोकसी को जल्द से जल्द भारत लाने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन बेल्जियम की कानूनी प्रक्रिया के कारण इसमें कुछ समय लग सकता है। फिलहाल, आधिकारिक पुष्टि और प्रत्यर्पण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।