चंद्रयान-4: 2040 तक भारतीय को चंद्रमा पर भेजने की तैयारी, इसरो का महत्वाकांक्षी मिशन

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मुजफ्फरपुर। इसरो (ISRO) के वरिष्ठ वैज्ञानिक और चंद्रयान-2 व चंद्रयान-3 के ऑपरेशन डायरेक्टर अमिताभ कुमार ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य 2040 तक एक भारतीय नागरिक को स्वदेशी अंतरिक्ष यान के जरिए चंद्रमा की सतह पर उतारने का है। इस महत्वाकांक्षी मिशन को चंद्रयान-4 नाम दिया गया है, जिसे “सैंपल रिटर्निंग मिशन” भी कहा जा रहा है।

मिशन का उद्देश्य

चंद्रयान-4 के तहत चंद्रमा की सतह से मिट्टी के नमूने इकट्ठा कर उन्हें धरती पर लाया जाएगा। यह प्रयोग भविष्य में मानव को चंद्रमा पर भेजने की दिशा में अहम कदम साबित होगा। इसरो अब तक चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग कर चुका है, लेकिन वहां से नमूने लाने का प्रयोग पहली बार किया जाएगा।

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तकनीकी विकास और परीक्षण

इसरो ने हाल ही में डाकिंग और अनडाकिंग की तकनीक पर काम किया है, जिसे पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। अगले चरण में इसे चंद्रमा की कक्षा में भी परखा जाएगा। इस साल इसरो की यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

1200 करोड़ रुपये का बजट, 2027-28 तक लॉन्चिंग की योजना

चंद्रयान-4 पर कार्य तेजी से चल रहा है और इसे 2027-28 तक पूरा करने की योजना है। इस मिशन के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मिशन से चंद्रमा की सतह और वहां मौजूद संभावित संसाधनों के बारे में गहन अध्ययन किया जा सकेगा।

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चंद्रमा पर जीवन के संकेतों की खोज

भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के सबसे निकट पहुंचने वाला पहला देश बन चुका है। वहां से प्राप्त आंकड़े वैश्विक स्तर पर अद्वितीय हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रमा की सतह के 10-15 सेंटीमीटर नीचे तापमान में तेजी से गिरावट देखी गई है, जो संकेत देता है कि वहां बर्फ या कोई अन्य तापमान नियंत्रित करने वाली संरचना मौजूद हो सकती है।

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क्या चंद्रमा पर कभी जीवन था? वैज्ञानिक अब इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि क्या चंद्रमा पर कभी जीवन रहा था और अगर हां, तो वह कैसे समाप्त हुआ। यह शोध भविष्य में पृथ्वी के अस्तित्व से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब दे सकता है।

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