नैनीताल। जिलाधिकारी न्यायालय नैनीताल ने एक अहम फैसले में ग्राम रुद्रपुर, तहसील रुद्रपुर, जनपद उधम सिंह नगर स्थित नजूल भूमि से जुड़े मामलों में बड़ा आदेश पारित किया है। वाद संख्या 51/4, 51/5 और 51/6 (वर्ष 2018-19) की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने खसरा संख्या 66, 69 और 70 की कुल 3.60 हेक्टेयर भूमि पर दिए गए पट्टों के साथ-साथ वर्ष 2015 में किए गए पट्टों के नियमितीकरण के बाद प्रदान किए गए भूमिधरी अधिकारों को भी निरस्त कर दिया है।
यह तीनों वाद स्वर्ण सिंह पुत्र जीवन सिंह, दर्शन सिंह पुत्र कृपाल सिंह तथा हरकेवल सिंह/हरपाल सिंह पुत्र जागीर सिंह, निवासी जगतपुरा, तहसील रुद्रपुर द्वारा पूर्व में कलेक्टर, उधम सिंह नगर के समक्ष दाखिल किए गए थे। बाद में इन मामलों को माननीय आयुक्त न्यायालय द्वारा सुनवाई एवं निस्तारण के लिए जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल को हस्तांतरित किया गया था। वर्ष 2018 से यह वाद डीएम कोर्ट नैनीताल में लंबित थे।
जिलाधिकारी न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि विवादित भूमि मूल रूप से नजूल भूमि है। इस भूमि को श्रेणी वर्ग-4 में दर्ज करने संबंधी अपर जिलाधिकारी, उधम सिंह नगर का आदेश पहले ही माननीय राजस्व परिषद, देहरादून द्वारा निरस्त किया जा चुका है। ऐसे में इस भूमि पर वर्ग-4 के तहत भूमि नियमितीकरण से संबंधित शासनादेशों का लाभ नहीं दिया जा सकता।
न्यायालय ने यह भी कहा कि जब भूमि नजूल है और श्रेणी निर्धारण का आदेश पहले ही निरस्त हो चुका है, तो पूर्व में की गई नियमितीकरण की कार्रवाई अवैध है, और इस आधार पर भूमिधरी अधिकार प्रदान नहीं किए जा सकते।
जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने अपने आदेश में तहसीलदार रुद्रपुर, जनपद उधम सिंह नगर को आदेशों के कड़ाई से अनुपालन के निर्देश भी दिए हैं। इस फैसले को नजूल भूमि मामलों में प्रशासन की सख्ती और कानून के अनुपालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
