13 साल बाद भारतीय फुटबॉल को मिला मुख्य कोच, खालिद जमील बने पुरुष राष्ट्रीय टीम के नए कोच

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नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल को आखिरकार 13 साल बाद एक भारतीय मुख्य कोच मिल गया है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने शुक्रवार को खालिद जमील को भारतीय पुरुष राष्ट्रीय टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त करने की घोषणा की है। यह नियुक्ति भारतीय फुटबॉल के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ मानी जा रही है, क्योंकि जमील 2012 के बाद इस पद को संभालने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।

48 वर्षीय जमील, जिन्होंने 2017 में आइजॉल एफसी को I-League का चैंपियन बनाकर इतिहास रचा था, ने दो अंतरराष्ट्रीय कोचों को पीछे छोड़ यह जिम्मेदारी हासिल की है। AIFF की तकनीकी समिति, जिसकी अध्यक्षता दिग्गज स्ट्राइकर आई.एम. विजयन कर रहे थे, ने जिन तीन नामों की सिफारिश की थी, उनमें भारत के पूर्व कोच स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन और स्लोवाकिया के पूर्व कोच स्टीफन टारकोविक शामिल थे। अंतिम चयन AIFF की कार्यकारी समिति द्वारा किया गया।

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मनोलो मार्केज की विदाई के बाद आया बदलाव

जमील, स्पेनिश कोच मनोलो मार्केज की जगह लेंगे, जिन्होंने टीम के हालिया खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले सावियो मेडेइरा 2011 से 2012 तक भारत के आखिरी भारतीय मुख्य कोच थे।

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पहली चुनौती – CAFA नेशंस कप

फिलहाल इंडियन सुपर लीग (ISL) की टीम जमशेदपुर एफसी के मैनेजर रहे खालिद जमील के लिए अब राष्ट्रीय टीम के कोच के तौर पर उनकी पहली बड़ी परीक्षा 29 अगस्त से होगी। टीम को ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में आयोजित होने वाले सेंट्रल एशियन फुटबॉल एसोसिएशन (CAFA) नेशंस कप में हिस्सा लेना है।

भारतीय फुटबॉल के लिए नई उम्मीद

खालिद जमील की नियुक्ति को भारतीय कोचों के लिए एक नई उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है। उनकी जमीनी समझ, घरेलू खिलाड़ियों के साथ मजबूत तालमेल और I-League जैसे टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाता है।

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AIFF की यह पहल घरेलू प्रतिभाओं को बढ़ावा देने और ‘भारतीय कोच, भारतीय टीम’ के मंत्र को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अब देखना यह होगा कि खालिद जमील अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में कितने सफल रहते हैं।

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